मैं इस धरती की अद्भुत रचना हूं,मैं नारी हूं...... मैं इस धरती की अद्भुत रचना हूं,मैं नारी हूं......
मैं भीगी हूं आंसुओं के प्रसार में क्या मेरा हक नहीं इस संसार में। मैं भीगी हूं आंसुओं के प्रसार में क्या मेरा हक नहीं इस संसार में।
बेटी जो बो बबूल की परी होती हे, पापा का प्यार और भाई की दुलारी होती है! बेटी जो बो बबूल की परी होती हे, पापा का प्यार और भाई की दुलारी होती है!
मैं एक कठपुतली सी, जीवन के रंगमंच में थिरकती सी, हर किरदार में पनपती सी, रिश्तों के मैं एक कठपुतली सी, जीवन के रंगमंच में थिरकती सी, हर किरदार में पनपती सी, ...
मैं नारी हूं छली गई हूँ सदियों से ही अपनों से, कभी सीता बन भटकी हूँ मैंं वन-वन! मैं नारी हूं छली गई हूँ सदियों से ही अपनों से, कभी सीता बन भटकी हूँ मैंं वन-व...
जला पाए ना जिसे अग्नि, वो है नारी वेदैही की आग। जला पाए ना जिसे अग्नि, वो है नारी वेदैही की आग।